बलवान कृषि का बहोत ही जबरदस्त BS-22D बैटरी स्प्रेयर पंप 12 वोल्ट्स x 12 एम्पीयर डबल मोटर | हाई प्रेशर अप टू 20 फीट | नैप्सैक स्प्रेयर | 20 लीटर टैंक कैपेसिटी

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बलवान स्प्रे पंप ऑर्डर करने के लिए, यहां क्लिक करें                     इस आइटम के बारे में  20 लीटर टैंक क्षमता || वर्जिन प्लास्टिक टैंक स्प्रेयर गन से 30 फीट तक स्प्रे करें 12 वोल्ट x 12 एम्पियर डबल मोटर चार्जिंग समय 5-6 घंटे पूरी तरह चार्ज होने पर 15-20 टैंक स्प्रे करें 20 फीट ऊंचाई तक स्प्रे करने के लिए 1.5 फीट स्प्रे गन मुफ़्त में मिलती है भारत का सबसे ज़्यादा बिकने वाला बैटरी स्प्रेयर 6 महीने की मैन्युफैक्चरिंग वारंटी अलग-अलग उद्देश्यों के लिए 4 तरह के नोजल के साथ आता है। बॉक्स में क्या है?   4 नोजल सेट लांस डिलीवरी पाइप 1.5 फीट स्प्रेयर गन फ्री चार्जर यूजर मैनुअल वॉशर और रेगुलेटर कैप टैंक फ़िल्टर टैंक सक्शन फ़िल्टर क्लच बलवान स्प्रे पंप ऑर्डर करने के लिए, यहां क्लिक करें बलवान स्प्रे पंप आर्डर करने के लिए, यहां क्लिक करें बलवान स्प्रे पंप आर्डर करने के लिए,यहां क्लिक करें बलवान स्प्रे पंप आर्डर करने के लिए, यहां क्लिक करे

एरंडी की खेती कैसे करते हैं

 

एरंड की फ़सल 


एरंडी (जिसे अंग्रेजी में Castor भी कहा जाता है) की खेती एक व्यापक विषय है जिसमें कई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। यहां कुछ मुख्य चरण दिए गए हैं जो एरंडी की खेती में मदद कर सकते हैं:


1. बीज और बुआई: उत्तम फसल प्राप्त करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज का चयन करें। इसे मिट्टी में 1-2 सेमी गहराई में बुआई करें।


2. मिट्टी की तैयारी: अच्छी द्रावणी मिट्टी को चुनें और खाद्यानुसार उसे तैयार करें। मिट्टी में अच्छी ड्रेनेज और गहराई बनाए रखना महत्त्वपूर्ण है।


3. सिंचाई: एरंडी को पूरे विकास के लिए नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है। अधिकतम पानी की आवश्यकता बीज बुआई के समय होती है।


4. रोग और कीट प्रबंधन: नियमित रूप से खेती क्षेत्र को परीक्षण करें और यदि आवश्यक हो तो रोग और कीटों को नियंत्रित करने के उपाय अपनाएं।


5. फसल की देखभाल: समय-समय पर खेती क्षेत्र को साफ़ और सुरक्षित रखें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पौधों को नुकसान न हो, उन्हें प्रकोपित कीटों और रोगों से बचाने के लिए सतर्क रहें।


6. विकास और पक्षागार: एरंडी की पूरी फसल को उसकी सही उम्र पर गठित करें। बीज और फलों की निकट आने पर तैयारी करें।


एरंडी की खेती के लिए स्थानीय कृषि विशेषज्ञों या कृषि विद्यालयों से सलाह लेना भी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि वे आपको स्थानीय मौसम और माटी के अनुसार उपयुक्त सलाह दे सकते हैं।

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