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गेहूं की प्रमुख विकास चरणों में सिंचाई की आवश्यकता भूमि की नमी, मौसम और वातावरणीय तत्वों पर निर्भर करती है। गेहूं के विभिन्न चरणों में सिंचाई की आवश्यकता निम्नलिखित हो सकती है:
1. बोने के समय: बोने के समय में प्राथमिक तौर पर उपयुक्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है ताकि बीज बूट करने के बाद अच्छे से उग सके।
2. पौधों के उगाने के समय: गेहूं के पौधों के उगने के समय में भी सिंचाई की जरूरत होती है।
3. बूट की विकास के समय: जब गेहूं का बूट बन रहा होता है, तो सिंचाई की आवश्यकता बढ़ जाती है।
4. गेहूं के पकने के समय: गेहूं के पकने के समय में भी सिंचाई की आवश्यकता हो सकती है, विशेषकर अगर मौसम अत्यधिक गर्म या बारिश कम हो रही हो।
इन सभी चरणों में, सिंचाई की मात्रा और अक्षमता की व्यवस्था भूमि की प्रकृति, प्राकृतिक नमी, बूटों की संख्या, विशेषताएं आदि पर निर्भर करेगी। यह स्थानीय कृषि विशेषज्ञ से परामर्श लेना उपयुक्त होगा ताकि आपको सटीक सिंचाई की जानकारी मिल सके।
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