आधुनिक खेती के लिए बैटरी स्प्रेयर का महत्व – किसानों के लिए फायदे और सही उपयोग

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🚜 आधुनिक खेती के लिए बैटरी स्प्रेयर का महत्व खेती में समय और मेहनत बचाने के लिए अब किसान भाई आधुनिक कृषि उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है बैटरी स्प्रेयर पंप। पहले किसान हाथ वाले पंप (मैनुअल स्प्रेयर) का उपयोग करते थे, जिसमें ज्यादा मेहनत लगती थी। लेकिन बैटरी स्प्रेयर ने इस काम को बहुत आसान और तेज बना दिया है। --- 🔹 बैटरी स्प्रेयर क्या है? बैटरी स्प्रेयर पंप एक ऐसा स्प्रेयर है जो बैटरी से चलता है। इसमें किसान को लगातार हाथ से दबाव बनाने की जरूरत नहीं होती। बस बैटरी ऑन करें और नली से दवा या तरल खाद आसानी से पौधों तक पहुँच जाता है। --- 🔹 बैटरी स्प्रेयर के फायदे 1. समय की बचत – कम समय में ज्यादा खेत में छिड़काव संभव। 2. कम मेहनत – हाथ से पंप करने की जरूरत नहीं। 3. समान छिड़काव – दवा और खाद पौधों तक बराबर पहुँचती है। 4. कम लागत – डीजल/पेट्रोल की जरूरत नहीं, सिर्फ चार्ज करना होता है। 5. लंबी दूरी तक स्प्रे – कुछ बैटरी स्प्रेयर 15–20 फीट तक दवा फेंक सकते हैं। --- 🔹 बैटरी स्प्रेयर कहाँ ज्यादा उपयोगी है? सब्जियों की खेती (टमाटर, मिर्च, बैंगन आदि) कपास, सोयाबीन, धान और गेहूं...

रंगबिरंगी मक्का की खेती कैसे करें, जिसकी मार्केट में बहोत डिमांड बढ़ती जा रही है, पूरी जानकारी

आज आपको रंगबेरंगी मक्का के बारे में बताने वाले है, जिसकी खेती करके आप बहोत सारे पैसे कमा सकते हो, वो कैसे चलिए आपको बताते है।

ये मक्का की खासियत ये है की , इसका हर एक दाना अलग रंग का होता है, जिसके कारण ये मक्का बहोत आकर्षित दिखती है, और खाने में भी बहोत स्वादिष्ट लगती है।
ग्राहक इसे देखते ही खरीद लेते है। 

चलिए जानते है की इसका उत्पादन हम कैसे ले सकते है।
ये मक्का का उत्पादन हम आम मक्का के तरह ही ले सकते है, इसकी मार्केट में बहोत सारी प्रजातियां उपलब्ध है, आप कोईभी अच्छी प्रजाति लेकर अपने खेत में इसकी बुवाई कर सकते है।


बुआई और दूरी: बुआई को सही समय पर करें और बीच दो माखी की दूरी रखें ताकि पौधे अच्छे से विकसित हो सकें।रब्बी और खरीफ दो ही सीजन में हम इसकी बुवाई कर सकते है, प्रजाति के टेस्ट वेट अनुसार लगभग 7 से 8 किग्रा प्रति एकड़ बुवाई के लिए बीज लेना चाहिए।
आपको खरपतवार(घास) नही होने देना है, इस खास खयाल रखना है।

 सिंचाई: समय समय पर सिंचाई करें, खासकर फूलने के समय में। उचित जल समीक्षा करें और बर्डर इर्रिगेशन की तकनीक का भी प्रयोग कर सकते हैं।



खाद्यानुपात: खाद्यानुपात की सही मात्रा और प्रकार का चयन करें ताकि पौधों को सही पोषण मिल सके।

रोग और कीट प्रबंधन: उचित रोग और कीट प्रबंधन की जांच करें और आवश्यकता होने पर उपाय करें।

समयिक तैयारी: समयिक तैयारी, सही उपजाऊता, और मार्केटिंग योजना तय करें।

कलर फूल कॉर्न की खेती बाजार में आकर्षक मांग के कारण बढ़ रही है, जो आपके क्षेत्र में बेहतर मूल्य प्राप्ति की संभावनाएं प्रदान कर सकती हैं। इसलिए, स्थानीय कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेना और स्थानीय बाजार की मांग के अनुसार अपनी योजना को तैयार करना उत्तम रहेगा।






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